आदिम युग से इक्कीसवीं सदी तक स्त्री का एक भी दिन नही जिया,अतीत और वर्तमान ने एक ही दिन भारी था आदिम युग से इक्कीसवीं सदी तक स्त्री का एक भी दिन नही जिया,अतीत और वर्तमान ने एक ...
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये पश्चाताप के आँसू हैं या घड़ियाल के ? मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये पश्चाताप के आँसू हैं या घड़ियाल के ?
और फिर गुनगुनाता हुआ अपने भाई के साथ शोरूम चला गया। और फिर गुनगुनाता हुआ अपने भाई के साथ शोरूम चला गया।
याद मुझे कर-कर जब उनकी आँख भर जायेगी तिलक माथे पर करने को माँ रूह मेरी भी मचल जायेगी माँ तू भईया को ... याद मुझे कर-कर जब उनकी आँख भर जायेगी तिलक माथे पर करने को माँ रूह मेरी भी मचल जा...
दिन, सप्ताह, महीना, साल और आज हमारे कॉलेज के चार वर्ष समाप्त हो गए। इन चार वर्षों में हमने क्या क्या... दिन, सप्ताह, महीना, साल और आज हमारे कॉलेज के चार वर्ष समाप्त हो गए। इन चार वर्षो...
" उनकी स्नेह शीलता और दया भाव के कारण शहर में वे" वटवृक्ष" के विशेष नाम से मशहूर थे। उन " उनकी स्नेह शीलता और दया भाव के कारण शहर में वे" वटवृक्ष" के विशेष नाम से मशहूर...